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लेहड़ा देवी मंदिर का इतिहास lehda devi
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महाराजगंज, लेहरा देवी मंदिर: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में स्थित लेहरा देवी मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। महाभारत काल में पांडवों ने इसी क्षेत्र में समय बिताया था। यह मंदिर फरेंदा-बृजमनगंज मार्ग पर आद्रवन वन के निकट है। मंदिर के बगल में बहने वाले प्राचीन पावाह नाले का विशेष महत्व है। मान्यता है कि यहां उपस्थित देवी के चरणों में प्रणाम करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। पड़ोसी जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्य बिहार और मित्र राष्ट्र नेपाल से भी बड़ी संख्या में लोग श्रद्धा से शीश झुकाते हैं।
लेहरा देवी मंदिर महाराजगंज स्थित मां लेहरा देवी की ख्याति दूर-दूर तक है। नवरात्रि के मौके पर यहां रोजाना श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। जिले के साथ ही आसपास के जिले के भी श्रद्धालु मंदिर में मां का आर्शीवाद लेने को बेताब हैं.
महाभारत काल से जुड़ा है लेहड़ा देवी मंदिर का इतिहास, महराजगंज के जंगल में स्थित है माता का दरबार
लेहड़ा देवी का इतिहास सदियों पुराना है
लेहरा देवी मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। किवदंतियों और किवदंतियों के अनुसार पहले मंदिर के चारों ओर घना जंगल हुआ करता था। मनोरम सरोवर के तट पर जंगल में ही माता की पिड़ी की स्थापना की गई थी। कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने यहां वनवास का समय बिताया था। इसी सरोवर के तट पर युधिष्ठिर ने यक्ष के प्रश्नों का उत्तर देकर अपने भाइयों की जान बचाई थी। इस मंदिर की स्थापना पांडवों ने द्रौपदी के साथ मिलकर की थी। चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपने यात्रा वृतांत में इस मंदिर का उल्लेख किया है।
अखंड ज्योति 24 घंटे जलती है
मुख्य मंदिर के बगल में पौहारी बाबा का प्राचीन मठ है। यहां 24 घंटे अखंड ज्योति जलती रहती है। नवरात्र और हर मंगलवार को लोग यहां से भभूत (भस्म) ले जाते हैं। इसके साथ ही नारियल, चुनरी, लावा भी मंदिर से प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं।
लेहड़ा मंदिर तक आसान पहुँच
फरेंदा बृजमानगंज मार्ग पर स्थित इस मंदिर तक आनंदनगर रेलवे स्टेशन से पहुंचने के लिए रेल और सड़क की सुविधा है। रेल द्वारा लेहरा रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग तीन किलोमीटर है। यह आनंदनगर से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क मार्ग से जाने के लिए आनंदनगर (फरेंदा) कस्बे के दीवानी कचहरी स्थित टैक्सी स्टैंड से जीप, ऑटो व बस की सुविधा उपलब्ध है
pic Credit - lehramandir
मां का रूप भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है
प्रारंभ में मंदिर केवल पिडी रूप में था। धीरे-धीरे जब मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैलने लगी तो स्थानीय लोगों और मंदिर प्रबंधन के सहयोग से इस भव्य मंदिर का निर्माण किया गया। यह विकास की एक सतत प्रक्रिया है। मां की मूर्ति और मंदिर की प्रकृति भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
दुआएं पूरी होती हैं
मंदिर के पुजारी का कहना है कि आद्रवन लेहड़ा देवी मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई भक्तों की हर मुराद पूरी होती है। मनोकामना पूरी होने पर लोग मंदिर में मिट्टी के हाथी, घंटियां और अन्य चीजें दान करते हैं। प्रसाद के रूप में लोग अपने साथ नारियल, चुनरी, लाई, रेवड़ी भी लेते हैं।
क्या कहते हैं भक्त
भक्त नीतू त्रिपाठी का मानना है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां की पूजा और आराधना करता है। उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मैं कई सालों से लगातार नवरात्रों में मां के दर्शन करता आ रहा हूं। मां सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं।
जय मां लेहड़ा वाली (jai maa lehda wali)
जय मां लेहड़ा वाली! मां लेहड़ा वाली मंदिर उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में स्थित है और मां लेहड़ा वाली को समर्पित है। यह मंदिर भारत में देवी माता के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
साईं बाबा का असली नाम क्या था, साईं बाबा के चमत्कार
मां लेहड़ा वाली को देवी का स्वरुप माना जाता है जो नाग और सिंह के समान होता है। इस मंदिर में मां लेहड़ा वाली के चमत्कारी शक्तियों को महसूस किया जाता है जो श्रद्धालुओं को सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति में मदद करती है।
यह मंदिर वर्ष भर में कई श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है जो मां लेहड़ा वाली की आराधना करने आते हैं। इसके अलावा, इस मंदिर का स्थान सुंदर प्रकृति से घिरा हुआ है जो इसे एक आध्यात्मिक दर्शनीय स्थल बनाता है।
उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध देवी मंदिर (Famous Devi Temples of Uttar Pradesh)
उत्तर प्रदेश भारत का एक प्रसिद्ध राज्य है जो विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का आदर्श संगम है। यहां कई प्रसिद्ध देवी मंदिर हैं, जो देश और विदेश से दर्शकों को आकर्षित करते हैं। कुछ प्रमुख उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध देवी मंदिर हैं:
माँ वैष्णो देवी मंदिर, जानसी: यह मंदिर उत्तर प्रदेश के जानसी शहर में स्थित है और माँ वैष्णो देवी को समर्पित है। यह मंदिर अपनी सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।
माँ धूमावती मंदिर, कानपुर: यह मंदिर कानपुर में स्थित है और माँ धूमावती को समर्पित है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच बहुत लोकप्रिय है।
माँ शीतला मंदिर, आगरा: यह मंदिर आगरा में स्थित है और माँ शीतला को समर्पित है। यह मंदिर महामारी से बचाने वाली देवी के रूप में जाना जाता है।
माँ चित्रकूट दुर्गा मंदिर, बंदा: यह मंदिर उत्तर प्रदेश के बंदा जिले में स्थित है और माँ चित्रकूट दुर्गा को समर्पित है।
महराजगंज में घूमने की जगह (places to visit in Maharajganj)
महराजगंज उत्तर प्रदेश राज्य के बाराबंकी जिले में स्थित है। यह एक छोटा सा शहर है जो स्थानीय वस्तुओं और जगहों के लिए जाना जाता है। इस शहर में घूमने के लिए कुछ प्रमुख जगहों में शामिल हैं:
निखिल चंद्र महाविद्यालय: यह महाविद्यालय महराजगंज के उत्तरी भाग में स्थित है और यहां स्थानीय छात्र विभिन्न विषयों में अध्ययन करते हैं।
जामिया मस्जिद: यह इस्लामी संस्कृति के लिए एक प्रसिद्ध मस्जिद है जो महराजगंज में स्थित है।
मालगोडाम: यह एक शॉपिंग सेंटर है जहां आप स्थानीय बाजार में सामान की खरीदारी कर सकते हैं।
आईसीआरटी सेंटर: यह एक वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थान है जो महराजगंज में स्थित है। यहां आप विभिन्न टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
तुलसी दास मंदिर: यह मंदिर महराजगंज के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह भारतीय संस्कृति का एक प्रसिद्ध मंदिर है.
Lehra Devi mandir History in Hindi
लेहरा देवी मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह हिमालय की पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। यह मंदिर नैनीताल शहर से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
लेहरा देवी मंदिर के नाम का इतिहास बहुत पुराना है। मान्यता है कि इस मंदिर के नाम का उद्गम स्थान लेहरागढ़ नामक स्थान है। इस मंदिर में देवी लेहरा की पूजा की जाती है। देवी लेहरा को यहां स्थान से उतारकर लाया गया था।
मान्यता है कि लेहरा देवी मंदिर का निर्माण 17वीं सदी में हुआ था। इस मंदिर का निर्माण राजा पुरान मल द्वारा कराया गया था। इस मंदिर में देवी लेहरा के साथ-साथ धर्मराज का भी मंदिर है। इस मंदिर के अलावा भी बहुत से मंदिर हैं जो इस स्थान पर स्थित हैं।
लेहरा देवी मंदिर का महत्व बहुत अधिक है। इस मंदिर को स्थानीय लोग बहुत मानते हैं। लोग यहां अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए आते हैं। इस मंदिर का दौरा आपके जीवन में खुशियां भर जाती हैं.
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