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जून, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

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उत्तर प्रदेश का सामान्य परिचय

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  उत्तर प्रदेश का सामान्य परिचय ,उत्तर प्रदेश भारत का एक राज्य है जो उत्तरी भारत में स्थित है। यह भारत का सबसे आबादी वाला राज्य भी है और गणराज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इसके प्रमुख शहरों में लखनऊ, आगरा, वाराणसी, मेरठ और कानपूर शामिल हैं। राज्य का इतिहास समृद्धि और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर है, और यह भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में अहम भूमिका निभाता है। उत्तर प्रदेश का पहला नाम क्या है ,उत्तर प्रदेश का पहला नाम "यूपी" है, जो इसे संक्षेप में पुकारा जाता है। यह नाम राज्य की हिन्दी में उच्चतम अदालत के निर्देशन पर 24 जनवरी 2007 को बदला गया था। उत्तर प्रदेश की विशेषता क्या है ,उत्तर प्रदेश की विशेषताएं विविधता, सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक स्थलों, और बड़े पैम्पस के साथ जुड़ी हैं। यह भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में अहम भूमिका निभाता है और कई प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का घर है, जैसे कि वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, और प्रयागराज। राज्य में विविध भौगोलिक और आधिकारिक भाषा हिन्दी है। यह भी भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है जो आबादी में अग्रणी है। इसे भी जाने उत्तर प्रदेश की मु

मनुष्य का पुनर्जन्म कैसे होता है | the last hour before the sign of death

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 मृत्यु के कितने प्रकार होते हैं, मृत्यु से पहले दिखते हैं कौन-कौन से लक्षण जानिए परलोक और पुनर्जन्म के बारे में मृत्यु इस संसार का सबसे अटल सत्य होता है। इस सत्य से कोई भी इंकार नहीं कर पाया और ना ही कोई इसे टाल भी सकता है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में बताया  है, जीवन के समान मृत्यु भी अटल सत्य होती है और मृत्यु के बाद फिर नया शरीर मिल जाता है इस सत्य से भी इनकार नहीं किया जा सकेगा।  यह जिंदगी और मृत्यु एक चक्र है जिसे सभी जीवधारियों की आत्मा भटकती रहा करती है। जैसे जिंदगी में हर कोई अमीर एवं हर कोई गरीब नही हुआ करता है उसके ही जैसा मृत्यु भी सभी सबकी अलग-अलग हुआ करती है और यह अपने कर्मों पर भी निर्भर किया करती है। इनकी आत्मा रहती है अशांत धर्मग्रंथों में मुख्य रूप से दो तरह के मृत्यु बताई जाती है प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक। किसी रोग के होने, वृद्धावस्था को प्राप्त हो जाने से शरीर को आत्मा द्वार त्याग दिया जाना प्राकृतिक मृत्यु होती है। दुर्घटना में, सर्पदंश से, हथियार से, आत्मघात से मृत्यु को प्राप्त हो जाना अप्राकृतिक मृत्यु की श्रेणी पड़ती है इसे अकाल मृत्यु भी बताया गया है। बताते हैं

जिंदगी को खूबसूरत कैसे बनाएं | What to do for a happy life

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 जीवन को खूबसूरत बनाने के लिए अपनाएं ये नुक्से ज़िन्दगी खूबसूरत होती है और यह और भी खूबसूरत लगने लगती है जब आपकी जिंदगी सुख, शांति और आनंद से भरी हुई होती है । हालांकि, बहुत से लोग होते है जिनमें मैं खुद भी शम्मिलित हूं, ऐसी जीवन जी रहे हैं जोकि अशांति, तनाव और घृणा से भरी हुयी है। जिंदगी में हम में से बहुत से ब्यक्ति अपने अंदर एक खालीपन महसूस किया करते हैं। आप के लिए कोई जॉब हो या अपने बिजनेस में, तनाव हर किसी को रहता है और हम सभी फायदे और नुकसान जैसी चीजों में फंसे हुए होते हैं। जबकि संघर्ष और परेशानियों के साथ भी जिंदगी सुंदर हो भी सकती है, परन्तु यह उस पर निर्भर करता है कि आप किस पर फोकस किया करते हैं। एक खूबसूरत जिंदगी वह होती है जो आपको पूरी तरिके से लाइव महसूस करा देती है, जो प्रेरणा से भरी हुयी होती है साथ-साथ जिसमें हम अपने आपको रहने के लिए एक कनेक्टेड वातावरण देखते हैं। परेशानिया और दुख हर किसी के जीवन में होता हैं, लेकिन अगर हम उसे खुशी से जीना चाहे और उसको  फुलफिल करना चाहे तो आप आसानी से ऐ कर सकते हैं। इस नाते हम यह आपको बता रहे हैं कुछ टिप्स जिनकी मदद से आप अपनी जिंदगी से

कड़ी मेहनत सफलता की कुंजी है | Why is labor called the key to success

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मेहनत इतनी करो कि कामयाबी रंग ला दे और मोहल्ले वाले हल्ला मचा दे। यह पंक्तियां उन ब्यक्तिओ पर एकदम फिट बैठ जाती हैं, जिन्होंने अपने काम को बड़ी खामोशी व खूबसूरती के साथ किया एवं अंजाम दिया और जब उन्हें सफलता मिल जाती है तो उसके नाम को दुनिया वालो ने सरहना सुरु कर देते है । बात यह सच्च है की जीवन के अनुभव भी विचित्र ही हुआ करते हैं। पाया तो यह भी जाता है कि जो न तो मेहनत किया करते हैं,न बुद्धि लगाते ना दीमाक पर जोर  डालते हैं और न ही किसी भी वस्तु या विचार को गंभीरता से समझते हैं, बस चलते ही रहते हैं, वे ही बहुत चलते हैं। जो चलता है वही प्रचलित हुआ करता है। बताया सिखाया तो यही गया था और अब भी यही बताया जा रहा है कि मेहनत का फल हमेशा मीठा हुआ करता है  लेकिन पाया यह गया है कि कि ऊपर चढ़ते जाने कि लिए घटियापनो का दामन थामना ही पड़ जाता है। समय के प्रभाव से मानव जीवन बाज़ार बन कर रह सा गया होता है, मालूम नहीं,पर बना तो है यह पक्का बात है। श्रेष्ठ माने जाने वाले ब्यक्तिओ को भी देखा परखा गया लेकिन यही पाया कि जाने अनजाने में वे भी बहुत सफ़ाई से घटियापन या खोखलेपन को छूते से रहा करते हैं। बजना है

शीतला माता की कहानी | What is the story of Sheetla Mata

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Picture credit Instagram ... शीतला माता की कहानी माँ का सृष्टि में सबसे अधिक  धैर्यवान रहता है... गणेश जी की सबसे प्रिय दूब मां शीतला माँ को खूब पसंद आती है। माता शीतला सात बहने हैं-जिनका नाम कुछ इस प्रकार है शीतला, सेठला दुर्गा, ऋणिका, घृर्णिका, महला और मंगला।  चैत्र कृष्ण अष्टमी से आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तक होने वाली 90 दिन के व्रत को ही गौरी शीतला व्रत कहा जाता है। चैत्र, वैशाख और ज्येष्ठ एवं आषाढ़ के कृष्ण पक्ष के अष्टमी को शीतला महा देवी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित रहती है। इन महीनों में गर्मी बहुत तेज शुरू हो जाती है। जिससे चेचक आदि की आशंका काफी हद तक बढ़ जाती है। प्रकृति के हिसाब से शरीर निरोगी हो, इस नाते शीतला अष्टमी व्रत करना चाहिए।  शीतला माता के बारे में 10 रोचक तथ्य   शीतलाष्टमी पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर शुक्ल और कृष्ण पक्ष की तिथियों को मनाई जाती है।  इस त्योहार को बसेरा भी कहा जाता है।  बसोरा का मतलब होता है बासी खाना।  शीतला माता की पूजा के दिन घर में चूल्हा नहीं जलता।  इसलिए बाजी खाने की परंपरा है।  आइए जानते हैं माता शीतला के बारे में 10 रोचक बातें।   1. स्कंद पुराण

योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय | Yogi Adityanath Biography in Hindi

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योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय Iyadi की जानकारी इस लेख के माध्यम  आप प्राप्त हो  सकती है। दोस्तों, अब हम आपको एक ऐसी शख्सियत के जीवन परिचय करने जा रहे है, जिसका नाम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि उनके कारनामो से उनकी चर्चा सम्पूर्ण जगत में हो रही है  राजनीती की खबरों में आपने जरूर सुना होगा। जी, हां उनका नाम है श्री योगी आदित्यनाथ जी जोकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत है। हम इस लेख में योगी आदित्यनाथ जी के शुरुआती जीवन, राजनैतिक जीवन, परिवार एवं मुख्यमंत्री के रूप में प्राप्त की गयी उपलब्धियों के बारें में रोशनी डालेंगे। योगी आदित्यनाथ बायोग्राफी [Yogi Adityanath Biography in Hindi] योगी आदित्यनाथ जी का नाम वैसे तो हमेशा किसी ना किसी कारण बस सुर्खियों में रहते ही है, लेकिन पहले से  ज्यादा उनको सुर्खियों अब देखा जा रहा है जब से दुबारा  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप घोषित किया गया है । योगी सरकार  (Yogi Government 2.0)   उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।  अब उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने पाँच वर्ष पुरे करने है। योगी आदित्यनाथ जी न

साधू और पनिहारी की कथा | story of saints

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दूसरे दिन चार बजे का वक्त हुआ , पक्षी चहचहाने लगे तभी गंगाराम पटैल की आँख खुल गई । दिशा मैदान होकर कुल्ला दाँतुन कर स्नान किये और नित्य कर्म करके फारिग हुए फिर बुलाखी नाई ने खुरजी संभाल घोड़े को तैयार किया तब गंगाराम ने ईश्वर का नाम ले सवार हो घोड़े को बढ़ा दिया और पीछे -2 बुलाखी नाई चल दिया । दोहा- मन्जिल करते करते , होने आई शाम । दास बुलाखीं थक गया , पड़ा नजर एक ग्राम ॥ तब बुलाखी नाई गंगाराम पटैल से कहने लगा - महाराज ! आगे वाला जो नगर चमकता है । बस उसी में मेहरबानी करके रुकना , इतना कह आगे बढ़ गये ।  कुछ देर बाद अलवर नगर आ गया और एक बाग में जाकर घुस गये और घोड़े को एक वृक्ष से बाँध दिया । फिर बिस्तर लगाकर बाग की सैर करने लगे तो देखते हैं सारा बाग गुलजार हो रहा है । कहीं पहलवान कसरत कर रहे हैं , कहीं भंग घुट रही है , कोई गाना गा रहा है । इस तरह बाग का कुछ भाग देखकर गंगाराम पटेल और बुलाखी । नाई अपने -2 बिस्तर पर आये ।  जिसके बाद खर्चा लेकर बुलाखी नाई शहर को गया और बाजार में पहुँचकर आटा , दाल , घी , दाना , वास , रातव लेकर चारों तरफ को निगाह घुमाता हुआ चला जा रहा है तो चौराहे पर क्या देख

योगिनी एकादशी व्रत के नियम | How to observe Yogini Ekadashi Vrat

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  आषाढ़ कृष्ण एकादशी को योगिनी एकादशी के रूप में जाना जाता हैं। हर एक शाप पाप का हो जाता है यह  व्रत करने वालो का निवारण योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना किया जाता है। पंचांग के हिसाब से , यह एकादशी आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी पड़ा  करती है। यह भी मानते है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने से सम्पूर्ण पाप नष्ट हो जाया करते  हैं। उसके  अलावा मान्यता यह भी होता है कि इस व्रत के प्रभाव से किसी के दिए हुए श्राप दोख से निवारण मुक्ति मिल जाता है।  योगिनी एकादशी तिथि  पंचांग के हिसाब से इस साल 2022 में योगिनी एकादशी 24 जून, शुक्रवार को पड रहा है। एकदशी तिथि का सुरु 23 जून को रात 9 बजकर 41 मिनट से हो रहे है। जबकि एकादशी दिन की समाप्ति 24 जून को रात 11 बजकर 12 मिनट पर हो जाएगी । एकादशी व्रत का पारण 25 जून को सुबह 5 बजकर 41 मिनट के बाद एवं 8 बजकर 12 मिनट से बीच किया जाएगा । पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्ति होने का वक्त  सुबह 5 बजकर 41 मिनट होने जा रही है।   योगिनी एकादशी व्रत पूजा विधि  अन्य एकादशी व्रत के जैसे ही योगिनी एकादशी व्रत का नियम एक दिन पहले यानीकि दशमी से ही

घर में ना रहने दे कबाड़ उसे करें दान चमक जाएगी किस्मत | How does luck shine

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संसार में हर वस्तु का अपना एक मूल्य होता है। दुनिया  में ऐसा कुछ भी नहीं जो व्यर्थ और अर्थहीन हो जो सामान हमारे लिए उपयोगी नहीं होता है हो सकता है वह चीज किसी दूसरे के लिए अनमोल हो । भारतीय वैदीक ज्योतिष में कुछ ऐसे सटीक उपाय बताएं जा रहे  हैं जिनको करके इन्शान न केवल अपनी समस्याओं से छुटकारा पा सकता है अपितु वह धनवान भी बन सकता है।  क्या आपको पाता हैं आपके घर पर पड़ा हुआ कबाड़-कचरा आपके भविष्य में नकारात्मकता के साथ-साथ दुर्भाग्य एवं दरिद्रता को भी ला देता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्रों में कूड़े और कबाड़ का संबंध राहू ग्रह से हुआ करता है। जोकि घर में पड़ा रहने पर आपके तकदीर को खराब कर देता है यह केवल आर्थिक हानि देता है बल्कि आपके जीवन में दुर्भाग्य भी ला देता है परंतु यही कबाड़ आप किसी ब्यक्ति को दान देकर अपने तकदीर को सौभाग्य में बदल सकते हो । सोमवार के दिन ख़राब-रद्दी कागज अथवा पुराने सफेद कपड़े किसी भी विधवा को दान करने से उस इन्शान के पारिवारिक सुख बढ़ने लगते हैं। उनके परिवार में समझो खुशिओ का भण्डार आ गया हो उनके पुरे परिवार मिलजुल कर रहते एक दूसरे की सम्मान करते है एक दूसरे को बह

महान लोगों की प्रेरणादायक कहानियां | real life story in hindi

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इस आर्टिकल में बहुत ऐसे व्यक्तियों के सफल होने की कहानी छुपी हुयी है जिनको सफल होने में कड़ी संघर्ष और काफी मेहनत और लंबा समय लगा। उनको खुद भी नहीं मालुम था कि हमें सफलता कब मिलने वाली है  परन्तु उन्होंने जीवन की हर एक परिस्थिति का डट कर मुकाबला करते हुए कभी हार नहीं मानी। ख़ास बात यह भी है अगर इनकी किस्मत इतनी बढ़िया होती तो शायद इन्हे इतना संघर्ष ही नही करना पड़ता, यह तो इनकी लगन के करिश्मा की कहानी है जिससे सफलता के ताला खुल गाये ।  प्रसिद्ध सफल व्यक्तियों की जीवनी गजब है (Successful logo ki story in hind) चलिए अब हम जानते हैं सफल ब्यक्तिओ की जीवन के  बारे में जिनको सफलता आसानी से नहीं मिली हुयी  थी। निराशा एवं असफलता ने हर एक -कदम पर उनकी परीक्षा लेती रही परन्तु उन्होंने आशा, मेहनत धैर्य, का रास्ता नहीं छोड़ा। उन सभी ने गलतियों से सीखा और अपने प्रयास को निरंतर जारी रखा आखिरकार वो दिन  आ ही गया जब सफलता उनके कदम चूमने लगी और शोहरत उनके जीवन की अर्धांगनी हो गयी।  सफल व्यक्ति की कहानी (Successful logo ki story in hindi ,Mahan logo ki kahani) 1) जेन कुम – व्हाट्सप्प ऐप के आविष्कारक  Jan Kou

राजकुमारी का अनोखा शादी करने का शर्त | 6 The Story Of The Prince

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  छठवी मंजिल मुकाम बरेली छठवें दिन चार बजे गंगाराम पटेल व बुलाखी नाई उठकर दिशा मैदान हो कुल्ला दाँतुन कर नित्य कर्म व सभी काम से फारिग हुए । गंगाराम चाबुक हाथ ले घोड़े पर सवार हो लिए और पीछे - पीछे बुलाखी चल दिया । जब चलते चलते दोनों थक गए और जब शाम होने को आई तब एक बाग नजर आया तो दोनों जने बाग में घुस पड़े और घोड़े को थान से लगा दिया ।  बुलाखी नाई पैसे लेकर शहर को चल दिया और आटा , दाल , धी , दाना घास लेकर लौटकर जो वापिस चला तो क्या देखता है कि एक बड़ा भारी मैदान के कुछ भाग में अथाह जल है , उस जल में एक खम्भ खड़ा है और उस खम्भे के ऊपर एक सुन्दर पलंग बिछा है । उस पर एक नौजवान कन्या बैठी हुई है । उसके हाथ में तलवार लगी है । उसके आस पास बहुत से डेरा लगे हुए हैं । ऐसा अजूबा चरित्र देखकर बुलाखी नाई गंगाराम पटेल के पास आया और सारा सामान रखकर हाथ जोड़कर कहने लगा कि महाराज ! आज मैं एक अजूबा चरित्र देख आया हूँ , उसका जबाब दीजिएगा । तब गंगाराम पटेल कहने लगे कि मैं भोजन बना लूं और तू घोड़े को रातब , दाना , घास खिला , उसके बाद हम तुम भोजन जीम लें , तब तुम अपना अजूबा चरित्र को कहना में जवाब दूंगा ।