संदेश

रावण का अंत लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Featured post

उत्तर प्रदेश का सामान्य परिचय

चित्र
  उत्तर प्रदेश का सामान्य परिचय ,उत्तर प्रदेश भारत का एक राज्य है जो उत्तरी भारत में स्थित है। यह भारत का सबसे आबादी वाला राज्य भी है और गणराज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इसके प्रमुख शहरों में लखनऊ, आगरा, वाराणसी, मेरठ और कानपूर शामिल हैं। राज्य का इतिहास समृद्धि और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर है, और यह भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में अहम भूमिका निभाता है। उत्तर प्रदेश का पहला नाम क्या है ,उत्तर प्रदेश का पहला नाम "यूपी" है, जो इसे संक्षेप में पुकारा जाता है। यह नाम राज्य की हिन्दी में उच्चतम अदालत के निर्देशन पर 24 जनवरी 2007 को बदला गया था। उत्तर प्रदेश की विशेषता क्या है ,उत्तर प्रदेश की विशेषताएं विविधता, सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक स्थलों, और बड़े पैम्पस के साथ जुड़ी हैं। यह भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में अहम भूमिका निभाता है और कई प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का घर है, जैसे कि वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, और प्रयागराज। राज्य में विविध भौगोलिक और आधिकारिक भाषा हिन्दी है। यह भी भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है जो आबादी में अग्रणी है। इसे भी जाने उत्तर प्रदेश की मु

रावण का वध कैसे हुआ था | How did Ravana get killed

चित्र
 इंद्रजीत , रावण का परम प्रतापी पुत्र था । वह महान शिव भक्त था , जिसने अपनी घोर साधना से अनेक दिव्य अस्त्र प्राप्त कर रखे थे । युद्ध कला में तो उसका कोई सानी न था । उसके हारने की तो रावण ने कभी कल्पना तक नहीं की थी । तभी जब युद्ध क्षेत्र से आये दूत ने उसे इंद्रजीत की मृत्यु का दुखद समाचार दिया तो उसे विश्वास न हुआ ।  इंद्रजीत और लक्ष्मण के हाथों मारा जाय ! असम्भव ! पर दूत का बुझा चेहरा , झुकी हुई आँखें बता रही थीं कि असम्भव आज सम्भव बन चुका है । इंद्रजीत सबको छोड़कर जा चुका पुत्र के लिए दुःख की पीड़ा को वह परम प्रतापी भी सहसा दबा नहीं सका ।  उसका लाल - लाल आँखों से आंसू टपक पड़े । उसकी साँसें तेजी से चलने लगीं , तूफान की तरह । रह - रहकर उसका मन पुत्र के लिए चीत्कार कर उठा था , वो हमारे प्यारे बेटे हे दुर्लभ योद्धा ! तुम तो देवेन्द्र तक को हरा चुके थे , तुमसे यह कैसे जीत गया ?  पुरे लंका को मनो की साप सूंघ गया हो ।  रावण मानो अपने आप में बातें कर रहा हो , " नहीं , तुम हमें छोड़कर कैसे जा सकते हो ? मैं तुम्हारी माँ को क्या कहूँगा ? तुम्हारी प्यारी पत्नी को कैसे समझाऊँगा ? " इसी