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उत्तर प्रदेश का सामान्य परिचय

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  उत्तर प्रदेश का सामान्य परिचय ,उत्तर प्रदेश भारत का एक राज्य है जो उत्तरी भारत में स्थित है। यह भारत का सबसे आबादी वाला राज्य भी है और गणराज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इसके प्रमुख शहरों में लखनऊ, आगरा, वाराणसी, मेरठ और कानपूर शामिल हैं। राज्य का इतिहास समृद्धि और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर है, और यह भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में अहम भूमिका निभाता है। उत्तर प्रदेश का पहला नाम क्या है ,उत्तर प्रदेश का पहला नाम "यूपी" है, जो इसे संक्षेप में पुकारा जाता है। यह नाम राज्य की हिन्दी में उच्चतम अदालत के निर्देशन पर 24 जनवरी 2007 को बदला गया था। उत्तर प्रदेश की विशेषता क्या है ,उत्तर प्रदेश की विशेषताएं विविधता, सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक स्थलों, और बड़े पैम्पस के साथ जुड़ी हैं। यह भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में अहम भूमिका निभाता है और कई प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का घर है, जैसे कि वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, और प्रयागराज। राज्य में विविध भौगोलिक और आधिकारिक भाषा हिन्दी है। यह भी भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है जो आबादी में अग्रणी है। इसे भी जाने उत्तर प्रदेश की मु

गरुण पुराण से जुड़ी रोचक जानकारियां

गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए या नहीं (When should Garuda Purana be read or not)

गरुड़ पुराण हिंदू धर्म की उपनिषदों और पुराणों में से एक है। यह धर्म शास्त्रों की एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो आध्यात्मिक ज्ञान को समझाता है।


गरुड़ पुराण में आध्यात्मिक ज्ञान, मृत्यु के बाद का जीवन, पितृ पक्ष आदि विषयों पर जानकारी दी गई है। इसे पढ़ने से आप अपने आध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ा सकते हैं।


इसलिए, अगर आप अपनी आध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ाने की इच्छा रखते हैं, तो गरुड़ पुराण को पढ़ना उपयोगी हो सकता है। हालांकि, यदि आपको इस विषय में कोई रुचि नहीं है, तो आपको इसे पढ़ने की कोई अनिवार्यता नहीं है।


फिर भी, यदि आप गरुड़ पुराण पढ़ने का फैसला करते हैं, तो मैं आपको सलाह दूंगा कि आप इसे किसी अनुभवी आध्यात्मिक गुरु से पढ़ें जो इस ग्रंथ के गहन रहस्यों को आसानी से समझ सकते हैं।

 गरुड़ पुराण में क्या लिखा हुआ है (What is written in Garuda Purana)

गरुड़ पुराण हिंदू धर्म की उपनिषदों और पुराणों में से एक है। यह ग्रंथ आध्यात्मिक ज्ञान को समझाता है और मृत्यु और पितृ पक्ष जैसे विषयों पर भी जानकारी प्रदान करता है। यह ग्रंथ प्रकाशित नहीं हुआ है, लेकिन कुछ मुख्य विषयों पर जानकारी निम्नलिखित है:


परमात्मा के बारे में ज्ञान - गरुड़ पुराण में परमात्मा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया

गरुड़ पुराण क्यों डरते हैं (Why are Garuda Puranas afraid)

गरुड़ पुराण एक प्राचीन हिंदू धर्म ग्रंथ है जो भारतीय संस्कृति और धर्म के बारे में ज्ञान प्रदान करता है। यह धर्मशास्त्र भगवान विष्णु के भक्त गरुड़ के नाम पर रचा गया था।


इस पुराण में जीवन के उद्देश्य, मृत्यु के बाद आत्मा का गमन, कर्म का महत्व और उसके प्रभाव, जन्म-मृत्यु के चक्र, जन्मांतर के सिद्धांत और मोक्ष के लिए मार्ग आदि के बारे में चर्चा की गई है।


इस पुराण में कुछ विषय विषम और भयंकर लग सकते हैं, जैसे कि मृत्यु के बाद आत्मा का अनुभव, नरक और स्वर्ग का विवरण, अधर्मियों की सजा, उपनिषदों के अध्ययन की महत्वता आदि। इसलिए, कुछ लोग इस पुराण से डरते होंगे।


हालांकि, इस पुराण का मूल उद्देश्य भगवान विष्णु के भक्तों को भक्ति मार्ग के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग दिखाना है। इसलिए, यह धर्मग्रंथ उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो संसार में अधर्म और अज्ञान से दूर रहना चाहते हैं

 गरुड़ पुराण कितने दिन का होता है (How many days is Garuda Purana)

गरुड़ पुराण भारतीय संस्कृति और धर्म के बारे में एक प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ है। इस पुराण का मूल उद्देश्य भगवान विष्णु के भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग का दर्शन देना है।


यह पुराण अनेक अध्यायों में बंटा हुआ है जो संख्या में भिन्न हो सकते हैं। कुछ संस्करणों में इसके अलग-अलग अध्यायों की संख्या 226 से भी ज्यादा होती है।


इस पुराण के पांच खंड होते हैं और इसकी कुल संख्या 19,000 से अधिक श्लोकों में होती है। इसलिए, गरुड़ पुराण का अध्ययन करने के लिए कुछ दिनों तक की अवधि चाहिए होगी।

क्या हम घर पर गरुड़ पुराण पढ़ सकते हैं (Can we read Garuda Purana at home)

हाँ, आप घर पर गरुड़ पुराण पढ़ सकते हैं। आजकल इंटरनेट पर आप इस पुराण के विभिन्न संस्करणों को आसानी से खरीद सकते हैं या ऑनलाइन पढ़ सकते हैं।


आप यदि इस पुराण को हिंदी में पढ़ना चाहते हैं, तो आप इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन हिंदी भाषा में उपलब्ध प्राप्त कर सकते हैं। आप इसे पुस्तकालय से बेचरा होकर या ई-बुक के रूप में भी प्राप्त कर सकते हैं।


इसके अलावा, अगर आपके पास गरुड़ पुराण के संस्करण नहीं हैं, तो आप इंटरनेट पर इसे ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। वहाँ आपको गरुड़ पुराण के अनुवाद के साथ-साथ व्याख्या और समझाने वाले वीडियो भी मिल सकते हैं।

गरुड़ पुराण के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है (What is the biggest sin according to Garuda Purana)

गरुड़ पुराण में कई प्रकार के पापों का वर्णन है, लेकिन उसमें सबसे बड़ा पाप "अहिंसा पर आहिंसा करना" है। इसका अर्थ होता है कि आप किसी अन्य व्यक्ति, पशु या किसी और जीव को नुकसान पहुंचाने के बजाए उसे किसी बातो पर निगरानी ना करे.

मरने के बाद आत्मा कितने दिन तक घर में रहती है (How long does the soul stay in the house after death)

आत्मा या जीवात्मा के बारे में विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक परंपराओं में भिन्न-भिन्न विचार हैं। कुछ लोग मानते हैं कि मृत्यु के बाद आत्मा कुछ समय तक जीवित रहती है और कुछ लोग इस विचार से असहमत होते हैं।


वैदिक धर्मों जैसे हिन्दू धर्म और जैन धर्म में मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्मा शरीर छोड़ते ही उसका तत्काल उदय होता है और वह स्वर्ग या नरक जाती है। इसलिए उन्होंने कोई ऐसी अवधि नहीं निर्धारित की है जिसके बाद आत्मा घर में रहती हो।


वहीं, बौद्ध धर्म और सिक्ख धर्म में मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्मा कुछ समय तक भ्रमण करती है और उसे अपने नए शरीर का चयन करने में समय लगता है।

 सबसे पहले कौन सा पुराण पढ़ना चाहिए (Which Puran should be read first)

हिंदू धर्म में अनेक पुराण हैं जो भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा के बारे में बताते हैं और भगवान की कहानियों, लीलाओं और महत्वपूर्ण विवरणों को वर्णन करते हैं। उनमें से कुछ महत्वपूर्ण पुराण हैं, जिन्हें आमतौर पर अध्ययन किया जाता है।


यदि आप पहली बार पुराण पढ़ना चाहते हैं तो आप "श्रीमद् भागवत पुराण" को पढ़ सकते हैं। यह पुराण भगवान विष्णु के बारे में है और इसमें उनके अवतारों, लीलाओं और जीवन के बारे में बताया गया है। यह पुराण सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला है और इसे सभी धर्मगुरु द्वारा सम्मानित किया जाता है।


अन्य महत्वपूर्ण पुराणों में "श्रीमद् भागवतम्", "शिव पुराण", "विष्णु पुराण", "ब्रह्म पुराण", "मार्कण्डेय पुराण" और "गरुड़ पुराण" शामिल हैं।

हिंदू धर्म में गरुड़ कौन है (Who is Garuda in Hinduism)

हिंदू धर्म में गरुड़ एक प्रमुख पक्षी है, जो भगवान विष्णु के वाहन (वाहन) के रूप में जाना जाता है। गरुड़ को हिंदू पंथ के दो अहिष्णु पक्षियों में से एक माना जाता है, जिसे अर्थात् "गर्वित पक्षी" कहा जाता है।


गरुड़ के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं। गरुड़ को शक्ति और तेज का प्रतीक माना जाता है और इसे भगवान विष्णु की शक्ति के रूप में भी जाना जाता है।

गरुड़ ने अपनी मां को कैसे मुक्त किया (How did Garuda free his mother)

गरुड़ एक प्राचीन भारतीय मिथक में एक दिव्य पक्षी के रूप में जाना जाता है जो हिंदू धर्म में विष्णु भगवान के वाहन के रूप में पूजा जाता है। इसके अलावा, गरुड़ के सम्बन्ध में कुछ प्राचीन कथाओं और लोक कथाओं का जिक्र होता है।


एक कथा के अनुसार, गरुड़ की मां का नाम काद्रू होता है। वह एक विशाल राक्षस थी जो अनेक प्रकार की अत्याचार करती थी। गरुड़ ने हमेशा उससे बचने की कोशिश की थी, लेकिन वह कभी सफल नहीं हो पाया। एक दिन, गरुड़ ने अपनी मां से पूछा कि उन्हें कैसे मुक्त किया जा सकता है।


काद्रू ने उनसे कहा कि उन्हें गर्व से बचना चाहिए और वे भगवान विष्णु के शरण में जाने की कोशिश करें। उसने उन्हें बताया कि विष्णु उन्हें सहायता करेंगे।


इस विश्वास के साथ, गरुड़ ने भगवान विष्णु की आराधना की और उन्हें प्रार्थना की कि उनकी मां को मुक्त करें। भगवान विष्णु ने उनकी प्रार्थना स्वीकार की और काद्रू को छोड़ दिया

 गरुड़ को सांपों से नफरत क्यों है (Why does Garuda hate snakes)

गरुड़ को सांपों से नफरत करने का कारण भारतीय मिथकों और कथाओं में विभिन्न हो सकता है। यह इसलिए हो सकता है क्योंकि गरुड़ का प्राकृतिक शत्रु सांप होता है और वह उन्हें अपने आहार के रूप में पकड़ता है।


एक कथा के अनुसार, एक बार गरुड़ ने एक सांप को पकड़ लिया था जिसे वह अपने आहार के रूप में खाने के लिए ले जा रहा था। उस समय उस सांप की पत्नी ने गरुड़ को देखा और उसे अपने साथ ले जाने से रोकने की कोशिश की। गरुड़ ने उसे नहीं सुना और सांप को ले जाने की कोशिश की। इससे उस सांप की पत्नी ने गरुड़ पर शाप दिया कि उसके पैर फट जाएँगे और उसे हमेशा सांपों से नफरत होगी।


इसके अलावा, गरुड़ को भारतीय मिथकों में एक दिव्य पक्षी के रूप में भी जाना जाता है जो हिंदू धर्म में विष्णु भगवान के वाहन के रूप में पूजा जाता है। उनके साथ संबद्ध कुछ कथाएं भी हो सकती हैं जिनसे यह जाना जा सकता है कि गरुड़ को सांपों से नफरत क्यों करें.

मरने से पहले 40 सेकंड क्या होता है (What happens 40 seconds before death)

यह कहना मुश्किल है कि मरने से पहले 40 सेकंड में क्या होता है, क्योंकि इसमें कई तरह की स्थितियां हो सकती हैं और इसका प्रभाव मौत के कारण पर भी निर्भर करता है।


अधिकांश मौत के मामलों में, मृतक के शरीर में रक्त संचार बंद हो जाता है और अंतिम सांस लेने के कुछ समय बाद हृदय की धड़कन बंद हो जाती है। इस समय शरीर के अंग नरम हो जाते हैं और उन्हें हल्का सुखाने के लिए कुछ समय लग सकता है।


कुछ मौत के मामलों में, जैसे कि अपने निजी जीवन की अंतिम कुछ सेकंडों में, व्यक्ति एक उत्थान महसूस करता हो सकता है, जो उन्हें एक अलगाव में ले जाने के लिए उत्तेजित कर सकता है।


इसलिए, मौत से पहले 40 सेकंड में क्या होता है इसे सामान्यतः निर्धारित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह अलग-अलग मामलों में भिन्न हो सकता है।



 गरुड़ पुराण में एक ओर मृत्यु का रहस्य है तो दूसरी ओर जीवन का रहस्य छिपा है।  गरुड़ पुराण से हमें कई प्रकार की शिक्षा मिलती है।  गरुण पुराण में मृत्यु से पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है।  यह पुराण भगवान विष्णु की भक्ति और ज्ञान पर आधारित है।


Garud Puran: गरुड़ पुराण में बताया गया है आत्मा से जुड़े रहस्य


शास्त्रों की बात करो, धर्म से सीखो

  गरुण पुराण: धर्म के अनुसार जब किसी के घर में किसी की मृत्यु हो जाती है तो गरुड़ पुराण का पाठ 13 दिनों तक रखा जाता है।  शास्त्रों के अनुसार आत्मा तुरंत दूसरा जन्म लेती है।  किसी को 3 दिन लगते हैं, किसी को 10 से 13 दिन लगते हैं और किसी को डेढ़ महीने लगते हैं, लेकिन जिसकी याददाश्त पक्की है, प्यार में गहरी है या समय से पहले मर गया है, तो उसे दूसरा जन्म लेने में कम से कम एक साल लग जाता है।  उनका अंतिम तर्पण तीसरे वर्ष किया जाता है।  फिर भी कई ऐसी आत्माएं हैं जो रास्ता नहीं देखती और भटकती रहती हैं।


  गरुड़ पुराण में कहा गया है कि आत्मा लगभग 13 दिनों तक एक ही घर में रहती है।  ऐसे में अगर घर में नियमित रूप से गरुड़ पुराण का पाठ किया जाए तो इसे सुनने से ही आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।  इसके अलावा जीवन से जुड़े सात ऐसे महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं, जिनका पालन हर व्यक्ति को बड़ी सहजता से करना चाहिए।


  गरुड़ पुराण क्या है?

  एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से जीवों की मृत्यु, यमलोक यात्रा, नरक-योनियों और मोक्ष के बारे में कई गूढ़ और रहस्यमय प्रश्न पूछे।  भगवान विष्णु ने उन प्रश्नों का विस्तृत उत्तर दिया।  प्रश्नों और उत्तरों की यह श्रंखला गरुड़ पुराण है।  गरुड़ पुराण में स्वर्ग-नरक, पाप-पुण्य के अलावा और भी बहुत कुछ है।  इसमें ज्ञान, विज्ञान, नीति, नियम और धर्म की बातें हैं।  गरुड़ पुराण में जहां मृत्यु का रहस्य है वहीं जीवन का रहस्य छिपा है।  इससे हमें कई सबक मिलते हैं।  गरुड़ पुराण में मृत्यु से पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है।  यह पुराण भगवान विष्णु की भक्ति और ज्ञान पर आधारित है।  इस पुराण को सभी को पढ़ना चाहिए।  गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है।  इसे 18 पुराणों में से एक माना जाता है।  गरुड़ पुराण में हमारे जीवन के बारे में कई गूढ़ बातें बताई गई हैं, जिनके बारे में एक व्यक्ति को अवश्य जानना चाहिए।


  मरने के बाद क्यों सुनाते हैं:

  इसमें मृत्यु से पहले और बाद की स्थिति बताई गई है, इसीलिए यह पुराण मृतक को सुनाया जाता है।  13 दिनों तक मृतक अपनों के साथ रहता है।  इस दौरान गरुड़ पुराण के पाठ को रखने से उसे अनेक प्रकार की गतियों का ज्ञान हो जाता है जैसे स्वर्ग-नरक, गति-मोक्ष, अवनति, अवनति आदि। आगे की यात्रा में उसे किन-किन चीजों का सामना करना पड़ेगा, वह किस दुनिया में  जा सकता है, वह यह सब गरुड़ पुराण को सुनकर जानता है।


गरुड़ पुराण में क्या लिखा हुआ है?


  यदि मृत्यु के बाद घर में इसका पाठ किया जाता है, तो इस बहाने मृतक के रिश्तेदारों को पता चलता है कि क्या बुराई है और किस तरह के कर्मों की प्राप्ति होती है, ताकि मृतक और उसके परिवार दोनों को अच्छी तरह से पता चले कि उच्च दुनिया की यात्रा है।  ऐसा करने के लिए क्या करना चाहिए?


  गरुड़ पुराण हमें अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देता है।  अच्छे कर्मों और दया से ही मोक्ष और मुक्ति प्राप्त होती है।  गरुड़ पुराण में मनुष्य के कर्मों के आधार पर दण्ड के रूप में विभिन्न नरकों का वर्णन किया गया है।  गरुड़ पुराण के अनुसार, कौन सी चीजें व्यक्ति को मोक्ष की ओर ले जाती हैं, इसका उत्तर भगवान विष्णु ने दिया है।  इसमें हमारे जीवन के बारे में कई रहस्यमयी बातें बताई गई हैं।  गरुड़ पुराण के शेष 7 हजार श्लोकों में से ज्ञान, धर्म, नीति, रहस्य, व्यावहारिक जीवन, आत्मा, स्वर्ग-नरक और अन्य लोकों का वर्णन गरुड़ पुराण में मिलता है।  इसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, निःस्वार्थ कर्म की महिमा के साथ यज्ञ, दान, तप, तीर्थ आदि शुभ कार्यों में आम आदमी को प्रेरित करने के लिए लौकिक और पारलौकिक फलों का वर्णन किया गया है। कर्मों के आधार पर  जो व्यक्ति पिछले जन्म में करता है, वह पृथ्वी पर एक नया जन्म लेता है।


गरुड़ पुराण: इन बातों का ध्यान रखेंगे तो धन की वर्षा होगी, घर में लक्ष्मी का वास होगा... दरिद्रता नहीं आएगी


गरुड़ पुराण में विष्णु भक्ति का वर्णन किया गया है, साथ ही आप देवी लक्ष्मी को रोने से कैसे बचा सकते हैं।


  अठारह पुराणों में गरुड़ पुराण का विशेष महत्व है, जिसमें विष्णु भक्ति का विस्तार से वर्णन किया गया है।  गरुड़ पुराण के बारे में हर कोई सोचता है कि यह मृत्यु के बाद ही पढ़ा जाता है।  लेकिन गरुड़ पुराण में कई ऐसी बातें बताई गई हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद जीवन और मृत्यु से जुड़ी अहम जानकारियां मिलेंगी।  गरुड़ देव भगवान विष्णु का वाहन है, यही कारण है कि गरुड़ पुराण में मुख्य रूप से विष्णु का उल्लेख है।  गरुड़ पुराण में ज्ञान, विज्ञान, धर्म, नीति और नियम भी बताए गए हैं।  मृत्यु के बाद जीवन में क्या होता है इसका विस्तार से वर्णन गरुण पुराण में किया गया है।  वहीं गरुण पुराण में भी जीवन का रहस्य बताया गया है।  ऐसे में गरुड़ पुराण में भी बताया गया है कि कैसे आप अपनी लक्ष्मी को हमेशा के लिए खुश रख सकते हैं।


  1. साफ कपड़े पहनें

  गरुण पुराण में कहा गया है कि हमें स्वच्छ और सुगंधित वस्त्र धारण करने चाहिए।  इससे धन और सौभाग्य में वृद्धि होती है।  जो लोग गंदे कपड़े पहनते हैं और अपना घर गंदा रखते हैं, उनके यहां लक्ष्मी का वास नहीं होता।  ऐसे घर में दरिद्रता आती है।  भाग्य नष्ट हो जाता है।


  2. स्वच्छता

  बहुत से लोग घर की साफ-सफाई पर भी ध्यान नहीं देते हैं, लक्ष्मी अपने परिवार से गुस्से में लौट आती हैं।  इस घर का सौभाग्य नष्ट होता है और दरिद्रता आने लगती है।  घर को गंदा रखने वालों में लक्ष्मी का वास नहीं होता, उस घर में दरिद्रता आती है।


  3.  कृपानोर्थ्युक्ता: पुत्रविद्या: कुजनस्य सेवा।


  परपकारेशु नरस्य मृत्युः प्रजायते दिचरितानी पंच।


  इस श्लोक का उल्लेख गरुड़ पुराण में भी मिलता है जिसका अर्थ है कि दाता को हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार दान करना चाहिए, जो व्यक्ति पहले से ही गरीब है वह 'दाता' नहीं बनना चाहिए।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।


गरुड़ पुराण में क्या बताया है?

गरुड़ पुराण में स्वर्ग, नरक, पाप, पुण्य से बढ़कर बहुत कुछ है।  इसमें ज्ञान, विज्ञान, नीति, नियम और धर्म की बातें हैं।  गरुड़ पुराण में एक ओर मृत्यु का रहस्य है तो दूसरी ओर जीवन का रहस्य छिपा है।  गरुड़ पुराण से हमें कई प्रकार की शिक्षा मिलती है।


गरुड़ पुराण की सच्चाई

गरुड़ पुराण: गुरु पुराण में बताया गया है कि मनुष्य को अपने कर्मों के आधार पर ही स्वर्ग और नर्क की प्राप्ति होती है।  साथ ही व्यक्ति के इन्हीं कर्मों से तय होता है कि उसे अगले जन्म में क्या रूप मिलेगा।  गरुड़ पुराण: गुरु पुराण में व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु के बाद तक की बातों का वर्णन किया गया है।


गरुड़ पुराण घर में रखने से क्या होता है?

आज हम बात करने जा रहे हैं गरुड़ पुराण की।  गरुड़ पुराण में 9 ऐसे कार्यों के बारे में बताया गया है, जिनका पालन एक परिवार में किया जाए तो वह परिवार पीढ़ियों तक सुखी रहता है।  ऐसे लोगों से दुख-दर्द दूर रहते हैं और ईश्वर की कृपा हमेशा मिलती है।


गरुड़ पुराण कौन पढ़ सकता है?

जी हाँ, अगर कोई व्यक्ति गरुड़ पुराण पढ़ने का इच्छुक है तो वह शुद्ध मन से पवित्र होकर गरुड़ पुराण का पाठ कर सकता है.  गरुड़ पुराण पढ़ सकते हैं।  इससे विशेष फल की प्राप्ति होती है और अंत में मोक्ष का द्वार प्रशस्त होता है।


गरुड़ पुराण कैसे पढ़ें?

गरुड़ पुराण के नियम गरुड़ पुराण के विधि

  गरुड़ पुराण में मृत्यु से पहले और मृत्यु के बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है।  इसलिए मृतक को गरुड़ पुराण सुनाया जाता है।  ऐसा माना जाता है कि मृत व्यक्ति 13 दिनों तक अपनों के बीच रहता है।  इस 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ करने का नियम है।

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गरुड़ पुराण कितने दिन में होता है?

मृत्यु के 13 दिनों के लिए कोई भी नहीं मनाया जाता है। इसके दौरान, गरुड़ पुराण का पाठ 13 दिनों के लिए घर में रखा जाता है। यह मृतक की आत्मा को शांति देता है।


गरुड़ पुराण का पाठ करने से क्या होता है?

यमलोक के मार्ग का मिलता है वर्णन

यालोक का मार्ग गरुड़ पुराण के पाठ का विवरण वास्तव में मृतक की शांति के लिए किया जाता है। इस पाठ के समय लकड़ी या कुश की मुद्रा अलग से रखी जाती है। मृत्यु के बाद, व्यक्ति की आत्मा 13 दिनों के लिए यहां बनी हुई है। जबकि गरुन पुराण रन रन रन, मृतक की आत्मा आती है और पाठ को सुनती है।


गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद क्या होता है?

गरुड़ पुराण के अनुसार, रीमूवर जीवन आपकी पिछली जन्म स्थितियों पर निर्भर करता है। अच्छे कर्म आपको स्वर्ग में ले जाते हैं, जबकि बुरे काम आपको नरक में ले जाते हैं। आप पिछली जन्म की स्थिति के आधार पर पुनर्जन्म लेते हैं और यदि आप संत हैं तो मोक्ष प्राप्त करें।


गरुड़ पुराण के मुताबिक मांस खाना पुण्य होता है या पाप क्या बोलता है हिन्दू धर्म?

यह वेदों में जानवरों को मारने के लिए पाप माना जाता है। और मांस भोजन बिलकुल घोर पाप योग्य है।

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